Wednesday, 23 October 2019

बैंक हड़ताल के चलते 2000 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित : जगमोहन मेंदीरत्ता

फोटोः डीडी 5
कैप्शन : हड़ताल के दौरान प्रदर्शन करते बैंक कर्मचारी।
बैंक हड़ताल के चलते 2000 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित : जगमोहन मेंदीरत्ता
उत्तराखंड राज्य की 1500 बैंक शाखाओं में पूर्ण रूप से ठप्प रहा काम
संदीप गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून। उत्तरांचल बैंक एम्प्लाइज यूनियन के महामंत्री जगमोहन मेंदीरत्ता ने जानकारी देते हुये बताया की आज आल इंडिया बैंक एम्प्लाइज एसोसिएशन व बैंक एम्प्लाइज फेडेरेशन ऑफ इंडिया द्वारा बैंको के आपसी मर्जर, बैंको में प्रयाप्त भर्तियों, बैंको में बढ़ते एनपीए कि वसूली, ग्राहकों पर भारी सेवा शुल्क लगाने के खिलाफ आज हड़ताल का आह्वान किया गया था। जिसके तहत आज उत्तराखंड में 1500 शाखाओं में पूर्ण काम ठप्प रहा तथा उत्तराखंड में सगठन के 3300 कर्मचारियों ने इस हड़ताल में शामिल रहे जिसके कारण बैंको में लगभग कैश व चेको के समाशोधन न होने के कारण 2000 करोड़ रुपये का लेनदेन प्रभावित हुआ। उत्तराखंड के अन्य शहरो कि तरह देहरादून में सभी कर्मचारी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया एस्ले हाल के सामने एकत्रित हुए व मोदी सरकार की बैंक विरोधी नीतियों, निजीकरण के खिलाफ काफी जमकर नारे बाज़ी कि गई। बीजेपी सरकार ने अपने एजेंडे में सभी राष्टीकृत बैंको को मिलाकर 5 या 6 बड़े बैंक बनाने का निर्णय लिया है व वर्ष 2017 में 6 बैंक का स्टेट बैंक में विलय किया गया। जिसके कारण 6000 से ज्यादा शाखये बंद हुई व 10000 कर्मचारियो को जबरन सेवानिवृत्त के लिए मजबूर होना पड़ा। उसके बाद 2018 में बैंक ऑफ बरोडा में देना बैंक व विजया बैंक के विलय किया गया। जिसकी प्रक्रिया अभी तक पूर्ण नही हो पाई है व 30 अगस्त को एक बार फिर पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएण्टल बैंक व यूनाइटेड बैंक आफ़ इंडिया, इंडियन बैंक में ऐलाहाबाद बैंक, यूनियन बैंक में कारपोरेशन बैंक व आंध्र बैंक, कैनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक की विलय कि घोषणा कि गयी है। जिसके कारण एक बार फिर बड़े पेमाने पर शाखाये बंद होंगी व कर्मचारियों का उत्पीडन होगा व उनको मजबूर किया जाएगा कि वह बैंक से सेवानिवृत्त ले। आने वाले समय मे बैंको में भरती बंद होगी व पदौन्नति न के बराबर होगी। तथा ह्यूमन रिलेशन की समस्याओं से उलझना पड़ेगा। जिसके कारण पूंजीपतियों से ऋण वसूली से ध्यान भटकेगा व बैंको में ऋण वसूली की रफ्तार सुस्त पड़ेगी। बैंको में वेटेन समझोते को सरकार लगातार टाल रही है जिसके कारण लोगो मे काफी रोष है। पिछले 11 सालों में बैंको ने 12 लाख करोड़ रुपए मुनाफा कमाया है जिसमे 90 प्रतिशत 10 लाख 90 हज़ार करोड़ रुपए बड़े पुंजिपतियो के लोन माफी व उनके राइट ऑफ के लिए प्रिविशन किया गया। ये सरकार बड़े पुंजिपतियो के हितों के किये कार्य कर रही है व रेलवे, डिफेंस कारखाने व बीएसएनएल आदि की तरह बैंको के निजीकरण कि तरफ बढ़ रही है। आज तभी भारत की 73 प्रतिशत पूँजी ओर 1 प्रतिशत पूंजीपति का कब्ज़ा है। हम अपना विरोध जारी रखेंगे आज की  हड़ताल को बीजेपी सर्मथक ट्रेड यूनियन को छोड़कर सभी श्रमिक संघटनो व बैंको में अधिकारी संघटनो का समर्थन प्राप्त था। प्रदर्शन को संबोधित करने वालो में विनय कुमार शर्मा, एलएम बडोनी, बीपी सुन्द्रियाल, बीके ओझा, इंदर सिंह, ओपी मौर्य, सीके जोशी, आरके गैरोला, केएल भट्ट, कमल तोमर, नवीन कुमार, एसएस रजवार, सुनील कुमार, एकता गुलाटी, मुरारीलाल नॉटियाल, बेलवाल, मोहिंदर अरोरा, बंटी सिंह, अर्चना सिंह, अनिल पांडेय, विनोद कुमार, आदि शामिल थे। 

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