कैप्शन : कार्यक्रम
को सम्बोधित करते केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक।
अनुसंधान ऐसा हो जो
आर्थिकी को मजबूत करे : निशंक
निराश लोगों को हिमालय
ने दी नई ऊर्जा : निशंक
सन्दीप गोयल/एस.के.एम. न्यूज़ सर्विस
देहरादून। दून विश्वविद्यालय
के सीनेट हाल में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डाॅ रमेश पोखरियाल निशंक ने
‘उत्तराखण्ड राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता उन्नयन तथा नवाचार’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का दीप प्रज्जवलित
कर शुभारम्भ किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया के निराश लोगों को
हिमालय ने नई ऊर्जा दी है। यह धरती सृजन की धरती रही है। नवाचार और अनुसंधान के साथ
उच्च शिक्षा को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। अनुसंधान ऐसा हो जो आर्थिकी को मजबूत करे।
उत्तराखण्ड की धरती पर वेद, पुराण और उपनिषदों एवं आयुर्वेद का जन्म हुआ है। डाॅ निशंक
ने भारत सरकार द्वारा संचालित मानव संसाधन विकास के विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों
पर विस्तार से चर्चा की। उच्च शिक्षा मंत्री डाॅ धनसिंह रावत ने कहा कि अच्छे एवं गुणवत्ता
युक्त शिक्षण संस्थान उत्तराखण्ड से पलायन को रोकने में सहायक होंगे। शिक्षण संस्थानों
के परिसरों को ‘ग्रीन कैम्पस-क्लीन कैम्पस’ के तहत समृद्व किया जायेगा
और गुणवत्ता के दृष्टिगत शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के लिये समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम
आयोजित किये जायेंगे। प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा आनंदवद्र्वन ने विशिष्ट अतिथि के रूप
में अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर उच्च शिक्षा के ‘लोगो’ का लोकार्पण भी किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड
के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, महाविद्यालयों के प्राचार्य, पूर्व निदेशक,
अपर सचिव डाॅ अहमद इकबाल, निदेशक डाॅ एससी पंत, संयुक्त निदेशक डाॅ कुमकुम रोतेला,
उपनिदेशक डाॅ डीसी नैनवाल, डा डीसी गोस्वामी, डाॅ रचना नौटियाल, प्रो एमएसएम रावत,
डाॅ केडी पुरोहित सहित कई शिक्षावद् उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रो एचसी पुरोहित
एवं धन्यवाद ज्ञापन डाॅ एससी पंत ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डाॅ रमेश पोखरियाल
निशंक ने हिमालयःइकोलोजी, रिसोर्सेज, डेवलेपमेंट एण्ड कॅान्फ्लिक्ट विषय पर डाॅ यूएस
रावत, डा हर्ष डोभाल एवं प्रो एचसी पुरोहित द्वारा सम्पादित पुस्तक का विमोचन किया।
इस मौके पर ‘उत्तराखण्ड में उच्च शिक्षा की विकास यात्रा’ पुस्तक का भी विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि
डाॅ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि हिन्दुस्तार
विश्वगुरू रहा है । सोच में स्थायित्व होना चाहिए। इच्छाशक्ति के साथ क्रियान्वयन होना
चाहिए। विचार सिर्फ कागजों तक आमंत्रित न रहें। हिमालय पूरी दुनिया के लिये प्रोरणाा
का स्रोत रहा है। पूरी दुनिया के निराश लोगों को हिमालय ने नई ऊर्जा दी है। हिमालय
ज्ञान, विज्ञान, पर्यावरण और अनुसंधान का केन्द्र रहा है। उत्तराखण्ड की धरती पर वेद,
पुराण और उपनिषदों का जन्म हुआ है। यह धरती सृजन की धरती रही है। इसके एक-एक शब्द की
अपनी ताकत है। हिन्दुस्तार का व्यक्ति पूरी दुनिया को नेतृत्व दे रहा है। उत्तराखण्ड
‘एजुकेशन हब’ है। विभिन्न उच्च शिक्षा
शिक्षण संस्थान उत्तराखण्ड में हैं। यह संजीवनी बूटियों का भण्डार है। आयुर्वेद शाश्वत
चिकित्सा है, वैकल्पिक चिकित्सा नहीं। अनुंसधान ऐसा हो जो आर्थिकी को मजबूत करे। उत्तराखण्ड
में नव वैज्ञानिकों की यात्रा निकले जो सभी जनपद से होकर निकले। नई शिक्षा नीति- नये
भारत के निर्माण की ओर बढ़ायेगी। सबल, स्वस्थ, स्वच्छ, सशक्त, श्रेष्ठ, समर्थ भारत की
आधारशिला है। 33 वर्षों के बाद नई शिक्षा नीति आयी है। जैव विविधता हमारी बहुत बड़ी
सम्पदा है। हिमालय एशिया का ‘वाटर हब’ है। उत्तराखण्ड राज्य
में सर्वाधिक 12500 वन पंचायतें हैं। वन, जन, जल का समन्वय और अनुसंधान और शोध पूरी
दुनिया के लिये मिसाल बनेगा। रैगिंग रोकने के लिये-‘दीक्षारम्भ’ कार्यक्रम चलाया जायेगा। डाॅ0 धनसिंह रावत जी,
उच्च शिक्षा मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार संगोष्ठी के अति विशिष्ठ अतिथि ने कहा कि उत्तराखण्ड
के अच्छे व गुणात्मक शिक्षण संस्थान उत्तराखण्ड से पलायन को रोकने में सहायक होंगे।
उत्तराखण्ड के महाविद्यालयों में छात्रों की अपेक्षा छात्राओं का अनुपात अधिक है। प्रयास
है कि महाविद्यालयों में क्वालिटी एजुकेशन के लिए आधारभूत संरचना को सुधारा जाय। भूमि,
भवन, फैकल्टी, प्राचार्य आदि के बारे में तेजी से कार्य हो रहा है। सभी महाविद्यालयों
मे ंप्राचार्य नियुक्त किये जा रहे हैं। पुस्तकदान योजना के अन्र्तगत एक लाख पुस्तकें
विभिन्न महाविद्यालयों को उपलब्ध कराई गई हैं। प्राध्यापकों की कमी ‘गैस्ट फैकल्टी’ के माध्यम से दूर की गयी है। 25 प्रतिशत प्राचार्य
सीधी भर्ती से नियुक्त किये जाने हैं। अच्छे कार्य करने वाले असिस्टेंट प्रोफेसर्स
को ‘भक्त दर्शन’ पुरुस्कार से सम्मानित
किया जायेगा। इस मौके पर अपर सचिव प्रो अहमद इकबाल, दून विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ
सीएस नौटियाल, प्रो केडी पुरोहित, प्रो एमएसएम रावत, प्रो डीसी नैनवाल, प्रो रचना नौटियाल,
प्रो डीसी गोस्वामी, डाॅ दीपक पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।
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