Sunday, 29 September 2019

घट स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र शुरू


फोटोः डीडी 5
घट स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र शुरू
देहरादून। शारदीय नवरात्र शुरू हो गए हैं। इस मौके पर देवभूमि के मठ-मंदिरों में प्रात:काल घट स्थापना के साथ मां नव दुर्गा के प्रथम रूप शैल पुत्री की पूजा अर्चना हुई। प्रात:काल से ही विभिन्न मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा और माहौल मां दुर्गा के जयकारों से गूंज उठा। शास्त्रीय विधान के अनुसार, घर के देव स्थल पर मिट्टी और रेत के ऊपर जौ बोए गए और गंगा जल से भरे कलश में कुशा, सप्त औषधि, चावल आदि रखे। गणेश पूजन, नव ग्रह पूजन, भूमि पूजन, दीप पूजन के बाद कलश पूजन हुआ और आदि शक्ति से घर विराजने की प्रार्थना की गई। घट के सामने ही मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाएगी। तीसरे दिन घट में बोए जौ भी अंकुरित हो जाएंगे। धार्मिक मान्यता है कि कलश में भरा गंगाजल नौ दिनों तक अमृत तुल्य बन जाता है। शारदीय नवरात्रों में कहीं अष्टमी तो कहीं नवमी को कन्या जिमाई और पूजन भी किया जाता है। इसके अलावा धार्मिक स्थलों और घरों में मां दुर्गा के निमित पाठ भी शुरू हो गए हैं। मां भगवती का जन्म पर्वत राज हिमालय के यहां हुआ था इसलिए इन्हें शैलपुत्री भी कहा जाता है। हरिद्वार स्थित देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही। मंसा देवी, चंडी देवी, माया देवी, सुरेश्वरी देवी, गंगा मंदिर, श्रीदक्षिणकाली मंदिर, मकरवाहिनी मंदिर, शाकुंभरी देवी मंदिर सहित हरकी पैड़ी में श्रद्धालुओं की भीड़ अपेक्षाकृत ज्यादा रही। मां कालिका मंदिर में आज से अश्विन नवरात्र महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। प्रथम दिन सुबह छह बजे मां कालिका का विशेष श्रृंगार किया गया। इसके बाद घट स्थापना की गई। मंदिर के मुख्य पुजारी ने देवी देवताओं की विधि विधान से पूजा की। इसके बाद 108 ब्राह्मणों के माध्यम से मां दुर्गा पाठ शुरू हुआ। मां कालिका यज्ञशाला में दैनिक हवन किया जाएगा। विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे संतों द्वारा मां कालिका दैनिक सत्संग में नवरात्रों के महत्व की महिमा बताई जाएगी।
डॉ आचार्य सुशांत राज के अनुसार नवरात्रि एक हिंदू पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'नौ रातें' इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दसवाँ दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है। नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। पौष, चैत्र,आषाढ,अश्विन प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ रातों में तीन देवियों - महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं। इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति / देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। दुर्गा का मतलब जीवन के दुख कॊ हटानेवाली होता है। नवरात्रि एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्योहार है जिसे पूरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है।

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